.रोशी से मुलाकात.
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रोशी तुम से मिलने कि तमन्ना अब ओर ज्यादा होने लगीं थीं । ट्रेन में तो बैठ चुका हूं । पर अंदर से ये दिल पैदल ही भाग रहा हैं। इसे लगता हैं। कि ये मेरे से पहले पहुंच जायेगा। अब इसे प्यार समझो या मेंरा पागलपन। ओर उस समय रात थीं।तो हल्की हल्की ठंड भी दी। वो रात , वो दिन को जब भी याद करता हूं ।तो एक अन्दर से सुकुन महसूस होता हे। और हां अब मैं महसूस करता हूं तो अधुरा सुकुन मिलता हैं पता नहीं क्यों। और हां में बताना तो नहीं चाहता । पर मैं उसे पहेली दफा देखने के लिए उसे पहेली बार मिलने के लिए सिर्फ ओर सिर्फ उसके ही लिए कुछ तोहफे भी लेकर गया था। पर अफसोस मुझे बड़ा दुःख हुआ। जब मेने सुबह उस बैंग में पड़े तोहफे को देखा तो वो बैंग ही नहीं था। वो बैंग चोरी हो गया था। कोई उसे उठा कर ले गया था। मुझे बहुत दुख हुआ उस समय। मै परेशान सा हो गया था। पर कुछ समय के बाद में शांत हो गया। सुबह की सुर्य की किरणें ट्रेन में आने लगी। तभी भुवनेश्वर स्टेशन पर ट्रेन रूकी। मेने वहां हल्का फुल्का नाश्ता किया। भुवनेश्वर स्टेशन पर ट्रेन करीब २५ मिनट तक रूकी।
पर मेरे अन्दर वो तड़फ ओर बढ़ने लगी। मानों सांसें भी उसको देखने के लिए मर रहीं थीं। ट्रेन ने चलना चालू किया। ओर कुछ ही देर के बाद स्टेशन ओर मेरी मंजिल आ गई। और हां दिल की धड़कन ओर तेजी से धड़कने लगीं। अब ओर इंतजार नहीं हों रहा था। कुछ समय के बाद आखिरकार वो समय आ ही गया। कि मानों सब रूक सा गया हों। मानों इस दिल ने धड़कना बंद सा कर दिया हों। ओर में घबराहट के कारण से मैं स्टेशन के बाहर आ गया। तभी उसका फोन आया। उसने मुझसे से पुछा कि आप कहां हों। मेरे तो होशोहवास खो से गये हों। ओर आखिरकार हम एक-दूसरे के सामने आ हीं गये। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
कि मैं क्या बोलूं तभी उसने अपना हाथ धीरे से मेरी ओर बढ़ाया मैं ने भी अपनी पुरी जान लगा कर अपना हाथ उसकी तड़फ बढ़ाया। मानों मेरा हाथ उसके हाथ से मिलकर मेरा धन्यवाद कर रहा हो। मेने उसके पास जाकर उसके कान में बोला कि तुम सच में बड़ी लम्बी हों। ओर वो हल्की सी मुस्कराने लगी। तभी उसके साथ उसके दोस्त भी आये थें। उसने अपने दोस्तों से मिलवाया। ओर थोड़ी देर तक बातचीत करके हम साथ में वहां से निकल गये।
ओर फिर कभी ........!
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English translation
.Meet Roshi.
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Roshi The desire to meet you was now becoming more and more. I have sit on the train. But from inside this heart is running on foot. It seems. that it will reach before me. Now consider it love or my madness. And it was night at that time. So it also gave a little bit of cold. Whenever I remember that night, that day, I feel relaxed from inside. And yes now I feel then I get incomplete relaxation I don't know why. And yes, I don't want to tell. But I had taken her with some gifts just for her and only to meet her at the puzzle bar to see him puzzle once. But also, I felt very sad. When I saw the gift lying in that bag in the morning, it was not a bag at all. That bag was stolen. Someone had picked it up. I felt very sad at that time. I was upset. But after some time it calmed down. The morning sun rays started coming in the train. Then the train stopped at Bhubaneswar station. I had a light breakfast there. The train halted for about 25 minutes at Bhubaneshwar station.