Tuesday, 27 July 2021

बारिश से अपने कुछ बातें

बारिश जे जो हल्की हल्की बूंदें गिर रही हे।
 जे जो हल्की हल्की ठंडी हवा चल रहीं हे। 
जे जो मोसम आज तूमने बनाया है। 
में उसे महसूस कर रहा हूं।
अन्दर ही अन्दर में मौर की तरह नाच रहा हूं 
ऐसा लग रहा की इस बारिश में  भिग कर अपने आप को तेरे हवाले कर दूं। 
मगर कुछ तो हैं। कोई तों हैं जो तेरा होने से मना कर रहा हे।
जो इस दिल में कहीं ना कहीं छुप कर बैठा है। जिना चाहता हूं ।
 आज का दिन में पूरी तरह से पर कोई तों हे ।
जो मुझे कल की फ़िक्र करना बता रहा हैं। 
जाना चाहता हूं सबसे दूर ।पर कोई तों है जो इन सबसे दूर जाने नहीं दे रहा 
। जो मेरे ही शरीर के किसी कोने में बैठा है। 
जो मुझे अपनी जिन्दगी जीने में कमजोर कर रहा है।
 वो मुझे हंसने भी नहीं दे रहा और रोने भी नहीं दे रहा। 
बारिश

No comments:

Post a Comment

Sab badal gya

 Je khahni ek ese insaan ki. Jise duniya se khubsurat or khuch nhi lgta tha. Jise apne parivar ke sath rhna acha lgta tha. Jise dar bhut ja...