Saturday, 31 July 2021

तामनना

तुम दूर से चली आओ । और हम तुम से मिल जाए।
तुम मूझे देखो। में तूमहे देखूं।
मेरी‌ नजर तेरी नज़रों से उलझ जाएं।
तुम को‌ देख कर मैं बावला सा हो जाऊं।
तुम भी मुझमें कहीं ना कहीं अपने होशोहवास 
खौ बेठो। तुम में कुछ ‌‌‌‌अलग नशा हो ।
तुम्हें देखते ही जे शरीर स्थिर हो जाए।
तुम एक सांवरिया जैसी हो।
तुम में उस‌ नादान परिंदे की जिद हो।
तुम................।
तुम मिल जाओ ‌‌‌ना अब ये दुनिया फिकी 
सी लग रही हे।

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