Saturday, 22 January 2022

My Destiny My life

 एक थी रोशी....

ये‌ कहानी हैं। उन गर्मीयों के दिनों की। जब मेरी मूलाकात मेरे दोस्त से हूई। उस दिन वो बहूत ही ज्यादा खूश था। मानों कि जैसे कोई छोटा बच्चा खिलोने कि जिद कर रहा हो। और उसे वो मिल जाऐ। जैसे एक उम्मीद कि रोशनी । उसे मिल गई हों। हां मैं उस हमसफ़र की बात कर रहा हूं। जिसे हर कोई पाना चाहता हों। अपनी जिंदगी में एक बार उसे महसूस करना चाहता हों। उसने अपने बारे कूछ इस तरह बताया। कि रात का पहरा था। और‌ निंद का कोई ठिकाना नहीं था। तभी उसने फैसबूक को चलाना शुरू ही किया था। फैसबूक खोलते ही उसने किसी अनजान लड़की को देखा है। उसने उस लड़की की Profile देखी। उसने बताया कि उसे देख कर मन को तसल्ली सी हूई। उसके सारे विचार उसे देख के शान्त से हो गये थे। हां मेरे भाई का नाम विक्की था। विक्की ने अपने दिल को समझाते हुए । उस अनजान लड़की को एक "Hy" का मैसेज कर दिया । ऐसा नहीं हैं कि औरो‌ से बात नहीं करता था। पर विक्की ने भी बताया उसे देख कर मानों समूद्र की लहरों‌ मैं ठहराव सा आ गया हो। उसके मैसेज भेजने के ३ घंटे बाद । हां वो समय १०:४० का था। जब उस अनजान लड़की का बापिस मैसेज आया "Hey" । उस मैसेज को देखकर विक्की को ऐसा लगा कि जैसे चकोर को चांद मिल गया हो। उस रात दोनों मैं काफी समय तक बात हूं। उस अनजान लड़की ने अपना नाम रोशी बताया ।   

 
धिरे- धिरे उनकी बातें बढ़ने लगी । और उन बातों से उनका रिश्ता और बढ़ने लगा । सोते, बैठते,उठते,जागते उनकी बातें होने लगी।मानों उन दोनों को बाकी सब भूल सा गये हो। विक्की ने ये भी बताया कि मैंने  उसका फोन नंबर लेने के लिए बोला । उसने विक्की से थोड़ा और समय मांगा । विक्की ने ये भी बताया कि उसे मूझे समझने के लिए उसे और समय चाहिए था। उन दोनों को बातें काफी समय तक चलती रही। समय गूजरता गया।६ मीहने के बाद उन्होंने ने अपना-अपना फोन नंबर एक दूसरे को‌ दे दिया। इन बातों से लगता था। कि इन दोनों के बीच कोई कनेक्शन ज़रूर था। 


अब जो बातें मेसेज के जरिए हो रहीं थीं धिरे धिरे वो voice call मैं होने लग पड़ी। उन दोनो मै ऐसा हो गया कि मानो‌ ये एक दूसरे के लिए बनें हो। हां अब वो एक दूसरे को दिल से चहाने लग पड रहे थें।समय बीतता चला गया । और इनका ये रिश्ता और पक्का होता गया। हां पूरे ४ साल के बाद  रोशी ‌‌‌‌ने उसे मिलने के लिए बोला। विक्की ने ये भी बताया कि उसे मिलने के लिए सून के वो वेताब सा हो गया था। विक्की ने‌ ये भी बताया कि मैं उसे मिलना चाहता था । पर वो उस के घर से कम से कम भी १८०० किलोमीटर कि दूरी पर उसका घर था। हां ये बात भी थी । पर उसके अन्दर और भी सवाल थे कि जब मैं उसे देखूंगा तो क्या बोलूंगा ।उसे मैं पसंद भी आऊंगा कि नहीं । उसे कैसे मिलूंगा । एक दिन आ ही गया कि उसने अपना दिल और मन को समझा के उसे मिलने के लिए निकल गया।
 

 
(कहानी जारी रहेगी गई आगे भी )......




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 English translation.


                     One was Roshi....


 This is the story.  of those summer days.  When I met my friend.  He was very happy that day.  As if a small child is insisting on toys.  And he gets that.  Like a light of hope.  She has got it.  Yes, I am talking about that companion.  Which everyone wants to get.  Want to feel it once in your life.  He told about himself like this.  That was the night guard.  And there was no place for sleep.  That's when he started running Facebook.  As soon as he opened Facebook, he saw an unknown girl.  He saw the profile of that girl.  He told that seeing him, he felt relieved.  All his thoughts had gone silent on seeing him.  Yes my brother's name was Vicky.  Vicky explaining his heart.  Messaged that unknown girl a "Hi".  It is not that he did not talk to others.  But Vicky also told that seeing him, as if I had come to a standstill in the waves of the sea.  3 hours after sending his message.  Yes, that time was 10:40.  When the message of that unknown girl came back "Hey".  Seeing that message, Vicky felt as if square 🐦 had found the moon.  That night, I talked for a long time.  That unknown girl named her Roshi.




 Slowly his words started increasing.  And with those things, their relationship started growing further.  While sleeping, sitting, waking up, they started talking. It was as if they had forgotten everything else.  Vicky also told that I asked to get his phone number.  He asked Vicky for some more time.  Vicky also told that he needed more time to understand me.  Both of them kept talking for a long time.  Time passed. After 6 months they gave their respective phone numbers to each other.  It seemed to me from these things.  That there must be some connection between these two.



Now the things that were happening through the message gradually started happening in the voice call.  Both of them became such that as if they were made for each other.  Yes, now they were starting to love each other with heart. Time went on.  And their relationship became stronger.  Yes, after 4 whole years, Roshi asked to meet him.  Vicky also told that he had become desperate to meet her.  Vicky also told that I wanted to meet him.  But it was his house at least 1800 km away from his house.  Yes, this was also the case.  But there were other questions in him that when I see him, what will I say. Will he like me or not.  How do I meet him?  One day came that he understood his heart and mind and went out to meet him.

(To Be Continue...)




                                    



                                 








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