Monday, 17 January 2022

My destiny My life

                                     One Day

      

मेरी किस्मत ने मुझे हर बार हराया , हर बार दुख दिया ऐसा में पहले समझता था। बचपन से ही मूझे कोई बात सता‌ रही थी। कि जैसा जो तु अभी है। बैसा तु है ही नहीं। समय का पहरा चलता गया और मै बडा हो गया । अब मुझे घुटन और हौने लगी ।
मुझे आज भी याद है बो दिन जिस दिन घर से भागा था अस समय मेरी उमर १२ साल की थी। मै अपने शहर से दिल्ली गया था बो सफर मेरे लिए कठिन इम्तिहान से कम नही था

                   
उसमें  भी मेरा ही देखा हुआ सपना था जो पुरा ना हो सका ।
उस सफर‌ से लेकर ‌ आज तक में  भाग ही रहा हूं । भला‌ हो  उन पहाड़ों का जिन्होंने ने मुझे संभाला । जिनसे  मिलकर लगता है कि प्यार नहीं पहाड़ चाहिए । शिव  जी  चाहिए

  



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English translation


            


My luck beat me every time, hurt me every time, as I used to understand earlier.  Since childhood, something was bothering me.  As you are now.  You are not there.  Time went on and I grew up.  Now I feel suffocated and suffocated.

 I still remember the day I ran away from home when I was 12 years old.  I went to Delhi from my city, but the journey was not less than a tough test for me.


          

In that too, I had a dream which could not be fulfilled.

 From that journey till today, I am only running.  Good luck to the mountains that took care of me.  With whom one feels that love is not needed, mountains are needed.  Shivaji is needed. (Lord Shiva)

  











   

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