इस बार मुझे जिंदगी जिने वजह मिली । उस समय मै इतना बड़ा तो नहीं था कि मैं अपनी जिंदगी के सारे फैसले ले सकूं । मुझे याद है बो भी दिन । मैं अपनी मासी के घर गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए जा रहा था । जब में उनके घर पहुंचा तो उस समय हल्की-हल्की शाम थी। और मौसम भी थोड़ा सही हो रहा था । जब मै घर पहूचा तो देखा कि मेरे सारे रिश्ते दार पहले से वहीं थे। मैं अंदर से परेशान था । मुझे बचपन से अकेले रहना अच्छा लगता था पता नहीं क्यों पर। मै ऐसा ही हूं।
अगली सुबह हुई। और उस दिन मैं थोड़ा देरी से उठा । नहीं में उठा नहीं मुझे उठाया गया था मेरे लिए एक लड़की चाय लेकर आई । जिसे में जानता ही नहीं । बाद में पता लगा कि मेरी दिदी के दोस्त की बहन थी उसका नाम में नहीं बताऊंगा। वाकी में उसे stylo के नाम से बतलाना चाहुंगा। और समय सौशल मिडिया चलना शुरू हुआ था
मेरै सारे भाईयों ने Stylo को frand request भेज दी थी । और मेरे पास कोई फोन भी नहीं था मैं उस समय भी कमजोर था।
और ना ही मूझे उसमें कोई दिलचस्पी थी । नि ही मेना ऐसा कुछ सोचा नहीं था ।
जैसे भि कर के छुट्टियां खत्म हूई । हम वापिस आ गये । और अब मेरी १०th क्लास के इम्तिहान होंगे । और शिव जी महाराज की क्रीपा से हम पास होगै। कुछ समय मेंरा मनीमेहंश में बीता (the seat of Lord Shiva) मेरे सपनों की दुनिया ।
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English translation
*This time I got a reason for life. At that time I was not so big that I could take all the decisions of my life. I remember those days too. I was going to my aunt's house for summer vacations. When I reached his house, it was a light evening at that time. And the weather was getting better too. When I reached home, I saw that all my relatives were already there. I was upset inside. I used to love being alone since childhood, I don't know why. I am like that.
It happened the next morning. And that day I got up a little late. No, I did not get up, I was picked up, a girl brought me tea. Which I don't even know. Later I came to know that my sister's friend had a sister, I will not tell in her name. In other words, I would like to call him Stylo. And the time social media started rolling in
All my brothers had sent a friend request to Stylo. And I didn't even have a phone, I was weak at that time too.
Nor was I interested in that. I had never thought of anything like that.
As if the holidays were over. We came back. And now I will have my 10th class exams. And we will pass by the grace of Shivji Maharaj. For some time I spent in Manimehansh (the seat of Lord Shiva) the world of my dreams.
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